अब सुलझेगा SYL विवाद, 4 जनवरी को मान से मुलाकात करेंगे हरियाणा के CM खट्टर
नई दिल्ली :- हरियाणा और पंजाब अकसर SYL मुद्दे को लेकर एक दूसरे के खिलाफ खड़े नजर आते हैं. अब खबरें सामने आ रही है कि 4 January को SYL मुद्दे को लेकर हरियाणा और पंजाब के CM बैठक कर सकते हैं. यह बैठक केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र शेखावत की तरफ से बुलाई गई है. 19 January को कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है, इससे पहले यह बैठक बुलाई गई है. इस बैठक को लेकर जल्द ही औपचारिक घोषणा भी की जा सकती है. इस बैठक में केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर और Punjab के सीएम भगवंत मान शामिल होंगे.
अब सुलझेगा एसवाईएल मुद्दा
इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय की तरफ से दो फैसले लिए जा चुके हैं, फिर भी पंजाब ने SYL का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया है. सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों को लागू करने की बजाय पंजाब ने साल 2004 में समझौता निरस्तीकरण अधिनियम बनाकर निर्माण कार्य में रोड़ा अटकाने का प्रयास किया. पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के प्रावधानों के अनुसार भारत सरकार की तरफ से 24 March 1976 को एक आदेश जारी किया गया था, जिसके अनुसार हरियाणा को रावी – व्यास के फालतू पानी में से 3.5 MAF जल का आबंटन किया गया था. एसवाईएल कैनाल का निर्माण ना होने की वजह से हरियाणा को केवल 1.62 MAF पानी ही इस्तेमाल के लिए मिल रहा है.
राजस्थान और पंजाब कर रहे हैं हरियाणा के पानी का इस्तेमाल
पंजाब अपने क्षेत्र में एसवाईएल कैनाल का निर्माण कार्य पूरा ना करके हरियाणा के इस हिस्से के 1.9 एमएएफ जल का गैरकानूनी ढंग से उपयोग कर रहा है. पंजाब के इस रवैया की वजह से ही हरियाणा अपने हिस्से का पानी नहीं ले पा रहा है. पंजाब और राजस्थान हर साल हरियाणा के लगभग 2600 क्यूसेक पानी का प्रयोग कर रहे हैं. यदि यह पानी हरियाणा में आ जाता, तो 10.08 लाख एकड़ भूमि संचित होती और प्रदेश की प्यास बूझ जाती, लाखों किसानों को इसका फायदा मिल पाता.
पानी ना मिलने की वजह से दक्षिण हरियाणा में भूजल का स्तर काफी नीचे जा चुका है. एसवाईएल के न बनने से हरियाणा के किसान महंगे डीजल का प्रयोग करके और बिजली से नलकूप चलाकर सिंचाई करने को मजबूर है.