हरियाणा रोडवेज में आज भी दौड़ रही है 10 साल से पुरानी बसें, 5 साल और बढ़ाया गया अप्रूवल
हिसार :- रोडवेज प्रशासन की तरफ से आज भी 10 साल पुरानी रोडवेज बसों को चलाया जा रहा है. इस साल में करीब 30 से 35 बसों की अप्रूवल अतिरिक्त 5 सालों के लिए बढ़ाई गई है. इस वजह से अब यह बसे 5 साल तक और चल पाएंगी. Roadways प्रशासन की तरफ से इन बसों को ग्रामीण क्षेत्र के लोकल रूटों पर दौड़ाया जाएगा. बता दें कि लोकल रूटों पर दौड़ाने मे यदि कोई परेशानी आती है, तो इन्हें तुरंत ही डिपो में लाया जा सकता है. इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि प्रदेश से बाहर कहीं भी लंबे रूटों पर यह बसें कामयाब नहीं हो पाएगी.
रोडवेज ने 5 सालों के लिए बढ़ाई बसों की अवधि
दूसरे राज्य में बसों का चालान होने का डर भी बना रहता है. अधिकतर प्रदेश में 10 साल पुराने वाहनों का चालान कर दिया जाता है, परंतु ज्यादातर Highway पर ट्राले और ट्रक का चालान होता है. वहीं दूसरी ओर रोडवेज अपनी 10 साल से पुरानी बसों की अवधि बढ़ा रहा है. दिल्ली सरकार की तरफ से 10 साल से पुराने डीजल के वाहनों पर रोक लगा दी गई है, इसमें रोडवेज की बसें भी शामिल है. इसी के संबंध में परिवहन विभाग को भी आदेश जारी किए गए थे कि 10 साल से पुरानी बसों को दिल्ली में एंट्री ना दी जाए. दिल्ली में प्रदूषण ज्यादा फैलता है, यहां तक कि स्कूलों की छुट्टी भी करनी पड़ती है.
पुरानी बसों से बढ़ता है प्रदूषण
एक तरफ जहां पराली जल रही है, तो दूसरी तरफ पुराने वाहनों की वजह से भी प्रदूषण फैल रहा है. इसलिए इस पर रोक लगाने के आदेश जारी किए गए थे. जिन बसों की 10 साल की अवधि पहले ही खत्म हो गई है, इन बसों को पहले बाड़ी या मरम्मत का काम कर तैयार किया जा सकता है. इसके बाद ही इनकी अप्रूवल बढ़ाई गई. रोडवेज ने इन बसों की पहले डिपो में से छटनी की थी कि कौन सी बस ठीक है और किन की अवधि को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है.
शुरू में 10 साल के लिए ही दिया जाता है अप्रूवल
ओवरलोड की वजह से बसों की हालत जर्जर हो जाती है. ऐसे में बसों से प्रदूषण भी ज्यादा फैलता है. इन बसों की माइलेज प्रति लीटर तेल से एवरेज भी कम हो जाती है. इसी वजह से शुरू से 10 साल की अवधि के लिए ही इन्हें अप्रूवल दिया जाता है. रोडवेज के अधिकतर बसें तो 9 से 10 साल में ही कंडम हो जाती है