INR: रूस- चीन सोचते रह गए लेकिन भारत ने कर दिखाया, सबको पछाड़कर भारतीय का रुपया बनने जा रहा है इंटरनेशनल करंसी
नई दिल्ली :- जब सभी देश Covid महामारी से जूझ रहे थे, तब भारत ने PM नरेंद्र मोदी की अगुवाई में रुपये (INR) को इंटरनेशनल Currency बनाने की पहल शुरू कर दी थी. यदि सरकार की यह कोशिश कामयाब होती है तो रुपया दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी International करेंसी बन जाएगा. WION वेबसाइट के अनुसार श्रीलंका अमेरिकी डॉलर की कमी से जूझ रहा है, जिस वजह से उसने स्पेशल Rupee ट्रेडिंग Account या वोस्त्रों Account की शुरुआत की है.
श्रीलंका के द्वारा खोला गया वोस्त्रों अकाउंट
श्रीलंका के द्वारा वोस्त्रो Account खोलने के बाद सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका ने भारत के RBI से अनुरोध किया है कि वह श्रीलंका में भारतीय रुपये को विदेशी करेंसी के रूप में मान्यता दें. इसके अलावा उन्होंने SAARC जैसे देशों में ट्रेड और टूरिज्म को Promote करने का आग्रह किया. बता दे कि RBI के द्वारा स्वीकृति देने के बाद श्रीलंकाई नागरिक अपने 8,26,823 रुपये यानी 10 हजार अमेरिकी डॉलर नगद रख सकता है. भारत सरकार का लक्ष्य अमेरिकी डॉलर की कमी का सामना कर रहे उन देशों को वैकल्पिक ट्रांजैक्शन सिस्टम उपलब्ध करवाना है.
लंबे समय से श्रीलंका जूझ रहा आर्थिक संकट से
भारत सरकार के द्वारा July 2022 मे इस योजना कि पहल की गई थी. श्रीलंका पिछले काफी समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है परंतु श्रीलंकाई रूपी की इंटरनेशनल मार्केट में खास Value नहीं है. इसलिए उसे ऐसी करेंसी चाहिए जिसकी दुनिया में अच्छी खासी साख हो, और हर जगह आसानी से मिल जाएं. भारतीय रुपये को लीगल करेंसी की मान्यता प्राप्त है, और भारत के श्रीलंका से संबंध भी अच्छे हैं, जिससे कि श्रीलंका को बड़ी मात्रा में इंडियन करेंसी मिल सकती है.
जल्द भारतीय करेंसी भी होगी अंतरराष्ट्रीय करंसी
जानकारी के लिए बता दे कि RBI अब तक श्रीलंका के लिए 5, रूस के लिए 12 और वोस्त्रों के लिए 18 Accounts खोल चुका है. इन तीनों देशों में भारत का रुपया एक इंटरनेशनल Currency के रूप में मान्यता प्राप्त होगा और वहां जाकर आप रुपये से कोई भी वस्तु खरीद सकते हैं. इसके अलावा अमेरिकी डॉलर से जूझ रहे क्यूबा, लक्जमबर्ग, और तजाकिस्तान भी भारतीय करेंसी में रुचि दिखा रहे है. इसलिए जल्द ही RBI वहां पर भी अपने वोस्त्रों Account खोल सकता है.
भारतीय करंसी में दिखा रहे अन्य देशों के लोग रूचि
अभी तक फिलहाल अमेरिकी डॉलर इंटरनेशनल Currency के रूप में चलता आ रहा है. अमेरिकी डॉलर की बादशाही तोड़ने के लिए रूस और चीन लंबे समय से प्रयासरत हैं, परंतु वे कामयाबी हासिल नही कर पाएं. जिस तरह से भारतीय करेंसी मे लोग रुचि दिखा रहे हैं, उस हिसाब से जल्द ही भारतीय करेंसी भी अंतरराष्ट्रीय Currency के रूप में उभरकर सामने आएगी.