Wheat Flour Price: नए साल में आटे की महंगाई से मिलेगी राहत, कृषि मंत्रालय ने किया ये बड़ा काम
नई दिल्ली :- जैसा कि आप सब जानते हैं साल 2022 के अप्रैल – मई महीने में यूरोप में युद्ध चल रहा था. रूस यूक्रेन के बीच हुए इस War की वजह से दुनिया भर के कई देशों में मानों गेहूं का अकाल पड़ चुका था. ऐसे में कई देश भारत से गेहूं (Wheat) खरीदना शुरू कर चुके थे.परंतु April माह के बिगड़े मौसम की वजह से India में भी गेहूं का उत्पादन ज्यादा नहीं हो पाया. उत्पादन कम होने की वजह से गेहूं के दाम काफी बढ़ गए थे. ऐसे कई कारणों की वजह से आज Market में आटा बहुत ऊंचे दाम पर पहुंच गया है. परंतु अब नए साल पर जनता को राहत मिलने वाली है. क्योंकि इस वर्ष गेहूं (Wheat) का रकबा बढ़ चुका है. जिसके चलते बंपर फसल होने की उम्मीद की जा रही है.
कृषि मंत्रालय के ऑफिसर का बयान
कृषि मंत्रालय के एक Senior Officer ने बताया है कि इस साल रबी फसलों की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है. उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में गन्ने की कटाई के बाद बुवाई होगी. उन्होंने बताया कि किसानों को पिछले साल समर्थन मूल्य से ज्यादा कीमतें मिली थी. ऐसे में इस साल भी किसानों को ज्यादा भाव मिलने की उम्मीद है. इसी के चलते गेहूं के रकबे में बढ़ोतरी देखी जा रहीं है. वर्तमान समय में गेहूं की उपज बेहतर होती दिखाई दे रही है. कृषि मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि अगर मौसम की स्थिति अच्छी रहती है तो इस बार गेहूं का उत्पादन Record बनाने वाला होगा. आंकड़ों के मुताबिक इस रबी सीजन में 30 दिसंबर तक गेहूं की बुवाई का रकबा 20 लाख 53 हजार Hectares तैयार हो गया है. जबकि आपको बता दें कि यह आंकड़ा पिछले वर्ष हजार 13 लाख 70 हजार Hectares था.
क्या दालों की कीमत भी होगी कम
आपको बता दें कि गेहूं के अलावा दालों का रकबा भी इस वर्ष बढ़ गया है. आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष लगभग 153 लाख Hectare भूमि में दालों का रकबा हो चुका है. आपको बता दें कि इस रबी की फसल में कुल दलहन में से 105.61 Hectare क्षेत्र में केवल चना बोया गया है. इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि मोटे और पौष्टिक अनाज की फसल का रकबा पहले के मुकाबले काफी बढ़ गया है. पिछले साल यह आंकड़ा 44.85 Hectare पर था जो इस वर्ष बढ़कर 46.67 Hectare हो चुका है.
तेल की खेती में भी हुआ इजाफा
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 30 दिसंबर तक दलहनो का कुल रकबा भी बढ़कर 103.60 लाख Hectare हो चुका है. पिछले साल की अवधि में यह आंकड़ा 94.96 लाख Hectares पर ही था. इस Report से यह पता चलता है कि रैपसीड सरसों का रकबा पहले के मुकाबले बड़ा है. पिछले साल 18.56 लाख Hectare था जो अब बढ़कर 94.22 लाख Hectares हो चुका है